Ekta Singh

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लेखनी कहानी -12-Jan-2023

      सिसकती रात (आगे कुआं पीछे खाई)  **भाग-2**
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अंजलि पैकेट ले कर आ गई।
अंजलि ने वो पैकेट अपनी स्कूटी में ही डाल दिया 
अगले दिन जब वह अपने काम के लिए निकली तभी निधि का फोन आया "कि तूने वह पैकेट रख लिया है ना?"

अंजलि ने हां मे जवाब दिया,फोन रख दिया।
वह जैसे ही अपने ऑफिस पहुंची वही दरवाजे पर उसे एक अंकल खड़े दिखे। अंजलि ने अभी स्कूटी रोकी ही थी,तभी उन अंकल ने पूछा क्या तुम्हारा नाम अंजली है?
अंजलि ने हां कहा।
अंकल ने कहा कि निधि ने आपको एक पैकेट दिया होगा वह मुझको दे दो।

निधि ने वह पैकेट अंकल को निकाल कर दे दिया।
लेकिन वह अचंभित हो गई ?? ?जब अंकल  ने उस पैकेट को बहुत देर तक सुंधा?

"फिर उन्होने अंजली को ₹50000 दे दिए।और बोला निधि को  दे देना।" यह देखकर वह दोबारा से अचंभित हुई। कि ऐसा क्या इस पैकेट में था???

अभी वह अंकल से पूछने ही वाली थी कि•••••• •••अंकल वहां से गायब हो गए।

फिर क्या था?? अंजली भी घबरा गई।इतने पैसे उसने कभी नहीं देखे थे। उसने  फटाफट निधि को फोन  लगाया।

लेकिन निधि फिर घुमावदार बातें करने लगी।
और उसने बोला "यह पैसे संभाल कर रख ले मैं शाम को तुझसे मिलूंगी तो ले लूंगी"।

अंजलि बहुत कुछ जानने की कोशिश की? लेकिन निधि ने कुछ भी नहीं बताया।उसने बोला कि जब हम मिलेंगे तब इस बारे में बात करेंगे।

अंजलि ने वह पैसे संभाल कर अपने पर्स में रख दिए। 

आज अंजलि जैसे ही रात को अपने घर पहुंची
निधि खड़ी मिली। अंजलि ने निधि से पूछा उस पैकेट में क्या था? यह बता???

आखिरकार निधि को बताना पड़ा कि उसमें ड्रग्स थी।

अंजली घबरा गई कि तूने मुझसे गलत काम करवाया?
दोनों में बहस होने लगी।

अंजलि को समझ नहीं आ रहा था क्यूंकि वह ना चाहते हुए एक अपराध में फंस चुकी थीं।"आगे कुआं पीछे खाई" उसकी ऐसी हालत हो गई थीं।

निधि ने बोला मैं तेरा हिस्सा तुझे दूंगी अभी तू मुझे 50,000 दे दे।
निधि ने बोला तू मेरा काम करती रहे मैं तेरे को  मालामाल कर दूंगी।

अंजलि ने मना कर दिया। मैं आज के बाद यह काम नहीं करूंगी।

निधि ने बोला कोई बात नहीं तू मत करना लेकिन इस काम के मैं तुझे अच्छे पैसे दूंगी।

अंजलि निधि को पैसे दे देती है।
अंजली अपने घर आ जाती है और निधि अपने घर चली जाती है।

अंजली की माँ पूछती है? क्या बेटा?? किस बात पर लड़ रहे थे।

लेकिन वह माँ को क्या बताती उसने बात को छुपा दिया माँ कुछ नहीं दोस्तों में बातें होती रहती हैं।
फिर सब ने मिलकर खाना खाया।

फिर वह 31 तारीख की रात आई।

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इस कहानी का अगला (भाग '3) पढे। 








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3 Comments

अदिति झा

15-Jan-2023 06:19 PM

Nice 👍🏼

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Mahendra Bhatt

13-Jan-2023 10:06 AM

बहुत खूब

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Gunjan Kamal

13-Jan-2023 09:50 AM

शानदार

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